Posted by: ritthe February 4, 2008
-- चौतारी - ९८ --
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चल्ने के लिये तो मेरा भि ठीक ठाक ही चल् राहा है, तर खोइ क्या होता है होता है,
कभी कभी तो नयाँ मुन्छे को देख्ता है तो टाउको फनन घुम्ता है, भ्वाक्कै लड्ता है अन्खेरी
लेकिन जब चिनेको  मुन्छेको देख्ता है तो वोस्तो नै होता है नि फेरी
अब हम जाता है हसुर्ने
Last edited: 04-Feb-08 08:52 PM
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