Posted by: Birkhe_Maila February 9, 2007
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कालि कालि कलकत्तेवाली
इन्द्रकि बेटि ब्रम्हाकी साली
खाओ पान बजाओ ताली
मेरा बचन नजाए खाली
जय गोरखकाली!!
शुक्रबारे जदौ!
सारै बिरउतेर गइयो गाँठे!
हरिशरणम्!