Posted by: Birkhe_Maila February 9, 2007
-- चौतारी ४५ --
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त्यो भनेको के हो भन्नलाई धेरै कुरा गर्नु पर्छ, पछि स-प्रसंग व्याख्या गर्छु है ठुल्नानि!:) बिखरती जुल्फ कि परछाइयाँ मुझे दे दो तुम अपनि शाम कि तन्हाइयाँ मुझे दे दो मै तुमको याद करुँ और तुम चले आओ मुहब्बतोँ कि ये सच्चाइयाँ मुझे दे दो शुक्रबारे जदौ!
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