Posted by: shivanatarajan April 28, 2016
मोरों के सेक्स से गांववालों की नींद हराम
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Image copyrightGraham Bridge

इंग्लैंड में मोरों और मोरनियों के सेक्स के दौरान होने वाले शोर-शराबे ने वहां के एक गांव के लोगों की नींद हराम कर दी है.

गांववालों का कहना है कि इन मोर-मोरनियों ने उनका जीना हराम कर रखा है.

उनके मुताबिक़ ये पक्षी उनकी कारों पर हमला करते हैं और अपने पंजों और चोंच से उनकी गाड़ियों को खरोंच देते हैं.

उशॉ मूर गांव में रहने वाले इन बाशिंदों का कहना है कि पिछले छह साल से वो इस दिक़्क़त को झेल रहे हैं. अब उनके सहने की हद पार हो चुकी है.

वो लोग इस समस्या के बारे में डरहम काउंटी काउंसिल में शिकायत भी दर्ज करा चुके हैं. काउंसिल इन शिकायतों की जांच पर्यावरण सुरक्षा क़ानून 1990 के तहत कर रही है.

काउंसिल इन पक्षियों की ओर से मचाए जाने वाले शोर की जांच मानक ध्वनि मापदंडों के अनुसार कर रही है.

स्थानीय निवासी ग्राहम ब्रिज के मुताबिक़ ये पक्षी दिनभर तो चीखते रहते ही हैं, रात में भी ये हमारी छतों पर बैठकर परेशान करते हैं.

इन पक्षियों की तादाद और उनके आने को लेकर कुछ मतभेद हैं. कुछ का मानना है कि इनकी संख्या 30 है, तो कुछ के मुताबिक़ यह संख्या 13 हो सकती है.

Image copyrightGraham Bridge

गांव के बाशिदों के बीच इस पर भी एकराय नहीं कि ये मोर-मोरनी आख़िर आए कहां से हैं.

स्वंसेवी संस्था 'द रॉयल सोसाइटी फ़ॉर द प्रोटेक्शन आॅफ़ बर्ड़स (आरएसपीबी) के क्रिस कौलैट कहते हैं, 'जहां तक क़ानून का सवाल है, तो इन पक्षियों को लेकर कोई साफ़ या एकमत नहीं है. मोरों को जंगली पक्षी के वर्ग में नहीं रखा गया है. इन्हें पालूत पक्षी माना गया है लेकिन ये ऐसे पालतू पक्षी हैं, जिनका कोई मालिक नहीं है. इन्हें क़ानूनन जंगली पक्षियों को मिलने वाली सुरक्षा भी हासिल नहीं है.'

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