Posted by: rekhathapa March 18, 2013
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जुग्गी
दिबोर्स नही हुइ छबि मेरे दिल मे है
उसकी नज़र मेरी गाल कि तिल मे है
मजा बहुत ये महफिल मे है
नशा एक मेरे आखें कातिल मे है
दिबोर्स नही हुइ छबि मेरे दिल मे है
उसकी नज़र मेरी गाल कि तिल मे है
मजा बहुत ये महफिल मे है
नशा एक मेरे आखें कातिल मे है