Posted by: samvoo February 27, 2013
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येसपाली लाई रोक्नई सकिन राहुल दाई को लेख ,प्रस्तुति र भाषा सैली बाट I हरेक पल्ट पढथे तर प्रतिक्रिया आफै संग राख्थे पुरा जतन का साथ I दाई को लेख पढे पछि... दिन पूर्ण भएको ठान्दथे I धन्येबाद दाई .......
जय सम्भो ........