Posted by: _____ July 9, 2012
BBC - Indian Viagra or Nepali Viagra?
Login in to Rate this Post:     0       ?        
 A chief correspondent of BBC in India is Mr. Sanjya Majumdar. I have found his news biased at times towards India ( its ok to be biased towards your country unless and until you are not making false claim or hiding the truth. In this news also, they have successfully hidden the truth. They are clever in doing that.


Some of the Indian cunningness 

1.  Buddha was born in India( when Nepali rightfully claimed that Buddha was born in Nepal then they started to say Buddhism was born in India and pretend as if they are the heir of Buddha .
2. Jesus Christ spent most of his teen age in India learning from Indian scholars.. Some even claim that Jesus Christ died in Kashmir. They even point out a place in Kashmir where Jesus Christ was buried.

3. When western countries discover something they say  "Indians have discovered that long time ago" and as a evidence point out to the mythological stories of "Mahabharata" and Ramayana"

4. Lately Scientist discovered "Gods Particle" look what Indians are saying about it

भारत में 'गॉड 2' की खोज में जुटे हैं वैज्ञानिक

9 Jul 2012, 1635 hrs IST,सांध्य टाइम्स  

 

अमित मिश्रा
नई दिल्ली।। गॉड पार्टिकल के आगे की कहानी शायद भारत में शुरू हो। तमिलनाडु की एक प्रयोगशाला में इस प्रयोग से आगे का काम जोरों पर है। बड़ी बात नहीं कि भारत के वैज्ञानिक जल्द ही यह दावा करें कि उन्होंने 'गॉड पार्ट 2' को खोज लिया है। इस खोज से जुड़े वैज्ञानिक इस बात से काफी खुश हैं कि हिग्स बोसोन पार्टिकल जिसे गॉड पार्टिकल का नाम दिया गया है को खोज लिया गया है। उनका मानना है कि इसके मिलने से यह बात सिद्ध हो चुकी है कि हम सही रास्ते पर हैं।

इस पूरी कहानी को समझने के लिए आपको समझना पड़ेगा कि आखिरी यह गॉड पार्टिकल का फंडा क्या है। इस पार्टिकल की अवधारणा को प्रोफेसर हिग्स नाम के एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने सामने रखा था। उनका कहना था कि हर परमाणु को मास या द्रव्यमान तब मिलता है जब वह एक खास फील्ड में एंट्री करता है। इसे उन्होंने हिग्स फील्ड का नाम दिया। इस हिग्स फील्ड में आए परमाणु को ही हिग्स बोसोन पार्टिकल या गॉड पार्टिकल का नाम दिया गया।

इस पूरी थ्योरी में एक ट्विस्ट यह है कि इस मॉडल में कुछ ऐसी कमियां है, जिसे भरने में दुनिया के कई साइंटिस्ट लगे हैं। ऐसा ही एक ट्विस्ट है डार्क मैटर की मौजूदगी। वैज्ञानिक मानते हैं कि पूरा ब्रह्मांड ही इससे भरा पड़ा है और यह अलग तरह के पार्टिकल से बना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ खास तरह के न्यूट्रीनों नाम के पार्टिकल हिग्स फील्ड में जाने के बाद भी द्रव्यमान नहीं पाते या उसमें मास नहीं आता। लेकिन कुछ प्रयोगों ने पहले यह सिद्ध किया है उनमें बहुत कम मात्रा में द्रव्यमान मिलता है। अब भारतीय वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि जब यह मास हिग्स फील्ड में एंट्री से नहीं आता तो आखिर आता कहां से है।

मदुरै की न्यूट्रीनो ऑब्जरवेट्री (आईएनओ) के सीनियर प्रोफेसर नाभा के. मंडल का कहना है कि इस खोज से फिजिक्स अपने स्टैंडर्ड मॉडल से आगे निकल जाएगी। इससे परमाणु से भी छोटे पार्टिकल पर और काम करना संभव होगा। अधिकतर न्यूट्रीनो सूरज से धरती पर आएं हैं और धरती पर इसे भारत, जापान और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोलार (कर्नाटक) की सोने की खानों में पाया था। मंडल का कहना है कि खानों के बंद होने से प्रयोग रोकना पड़ा था लेकिन अब हम आईएनओ लैब में प्रयोग कर सकते हैं।

इस पार्टिकल की खोज से जुड़ा शुरुआती काम शुरू भी हो चुका है और हिग्स बोसोन या गॉड पार्टिकल से मिलते जुलते इस पार्टिकल का बच कर जाना मुश्किल है। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें यह पता चल चुका है कि इस पार्टिकल का दव्यमान प्रोटोन से 125 गुना अधिक है।

So they are already beyond the god particle ha ?

But the reality is  read below 





 

Last edited: 09-Jul-12 11:11 AM
Read Full Discussion Thread for this article