Posted by: Madness February 10, 2010
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अरे जलेबिको कथि बात करनुहुन्छ कावबायँ दाजु, जलेबि खानेको तो हमि खानेको सक्छु चार किलो, बिलकुल बनार्सि पण्डा जैसन, पर कथि करने हियाँ हमरो अगारि सुसरा खानेको एक चमच मुरै तक छेन। जलेबिको बाइत सुइनके ऐसन लगेछ कि सुसरा आइज राइतको हलवा घोँटके पुरा सक्कर ईलायँचि डाइलके पकाइहालुँ। हमरो संग दु पाव भंग भि छ सुसरा ऊ भि मिलावनेको सोचेछुँ, तइब जा के सला हमरो करेविङ जो छ ऊ शान्त होनेको छ।
जे राम जि कि।