Posted by: ritthe January 20, 2010
चौतारी-१७३
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या कुन्देन्दु तुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डित करा या श्वेत्पद्मासना ।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा ॥


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सरस्वतीपूजाको पावन अवसरमा सम्पूर्ण चौतारीका औतारीहरुमा यो रिट्ठेको जदौ ! 

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