Posted by: Birkhe_Maila January 19, 2010
चौतारी-१७३
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गन्नुभाई- "ए क्या होरेला है?"
रिठे काणा- "भाई वो, अपुनका सैरियल लंग्डा है न भाई वो गावँ वापस जारेला है!"
गन्नुभाई- "अबे भुतनीके, अपुनका कम्पनि छोडछाडके जारेला है क्या?"
रिठे काणा- "नक्को भाई, वो बोले तो शादि बनानेके वास्ते छोकरि देखनेको जारेला है!"
गन्नुभाई- "काहे कु रे? ईधर कोई छोकरी नहिँ मिला क्या वो नासपिटेको?"
रिठे काणा- "बात वैसा नक्को रे भाई, आइटम बोले तो ईधरको भि झक्कास झक्कास मिलनेको है, पन.."
गन्नुभाई- " पन क्या?"
रिठे काणा- "भाई वो लंगडा बोलरेला था कि, ईधरका आईटमलोग उसको घाँस नक्को डालते!"
गन्नुभाई-" अबे मवाली, वो घोडा है क्या? घाँस काहेकु?"
रिठे काणा- "हेंख हेंख हेंख भाई,वो घाँस डालना बोले तो पटनेका..ईधरका आईटमलोग उससे नहिँ पट्नेका!"
गन्नुभाई- "काहे कु रे? वो त बस लंगडा है तेरे जैसा काणा नहिँ है रे!"
रिठे काणा- "भाई आप भि न, वो बोले तो फेँक नहिँ सकता न, ईधरका आइटमलोग को पटानेका है तो ज्यास्ति फैँकनेका!"
गन्नुभाई- "अबे सरकटि लाश, तु फिरसे अपुनका दिमागका दहि कररेला है,फेँकने से मतबल?"
रिठे काणा- "भाई वो फेँकनेका मलबल ईङ्गलिसमे गप्पे मारनेका,वो मवालि गप्पे नहिँ मार सकता न!"
गन्नुभाई- "और तु?"
रिठे काणा- "हेंख हेंख हेंख भाई!"
गन्नुभाई- "तो तु काणा ज्यास्ति फेँक सकता है और तेरे से आइटम पटरेली है? यहिच बकरेला है न तु?"
रिठे काणा- "भाई आप समझदार हो!"
गन्नुभाई- "अबे टमाटरके आखिरि दाने,तु अपुनको समझदार बोला, हाँ अपुन समझदार है,आईटम लोगको माँ बहन चाचि बनानेको फेँकना नहिँ बोलते।..देवा रे देवा ये नासपिटे समझरेला है कि वो फेँकरेला है, अबे पतझडके सडेले पत्ते,किधरसे सिखा तु ऐसा माँ बहन चाचि बनाके आइटम पटानेको?
रिठे काणा- "भाई वो अपुन पुन्टिया पहलवान से सिखा!"
गन्नुभाई- "पुन्टिया पहलवान, अब्बि ये कौन है?"
रिठे काणा- "भाई वो पहले अपुनका कम्पनिपे था,एक बिल्डरसे खोखा उठानेको गया था, उधरिच बिर्खे हठेलाके गैंगने उसके सरके उपर उबला हुवा पानी डालदिया, तबसे ये मवाली टकला है!"
गन्नुभाई-" तो उस टकले से सिखा तु ए सब?"
रिठे काणा-
गन्नुभाई- "अब क्या?"
रिठे काणा-
गन्नुभाई- "अबे कोल्डड्रिङ्क्स के खालि बोतलके मुडे हुवे स्ट्र,इधरलसे चलता भि है कि तेरा टेँटुवाँ दबाउँ?"
रिठे काणा- "भाई आपसे एक छोटा सा मदद चाहिए मेरे कु!"
गन्नुभाई- "भुतनिके! तब्बि मै सोचुँ कि काहेकु इतना बत्तिसि दिखारेला है ये सुअर! बक जो बकना है जल्दि से बक, अपुनको सुपारी उठानेको जानेका है!"
रिठे काणा- "भाई, एक मवालीको टपकानेका है!"
गन्नुभाई- "किसको? कोइ बिल्डर है क्या? प्राडुसर है क्या?"
रिठे काणा- "भाई वो अपुनका कम्पनिका बिजनसका केस नक्को है!"
गन्नुभाई- " तो काहेको दुसरे केसमे उंगली करनेका?"
रिठे काणा- "भाई वो अपुनका परसनल बोले तो अपना मामला है!"
गन्नुभाई॒- " अबे क्या हुवा बकेगा भि या घुसादुँ घोडा तेरि किचड जैसे मुह पे?"
रिठे काणा- " भाई एक मदनवा बिहारी करके छोकरेको टपकानेका है मेरे कु!"
गन्नुभाई- " क्या किया वो बिहारी?"
रिठे काणा- "भाई अपुनको लगता है वो अपुन कि बेन खन्नो को पटारेला है!"
गन्नुभाई- "अबे, ये कोइ खन्नो कबसे तेरि बेन होगेलि?"
रिठे काणा- "भाई समझाकरो न, वो फेँकके बेन बनाएला था अपुन, उसकि सहेलि बोले तो एकदम झक्कास आईटम है,वो अपुन तेजाव फिल्ममे जैसा कररेला है, छोकरी पटानेका है तो उसकि सहेलीको बेन बनालो!"
गन्नुभाई- " आया न नासपिटे अपनि औकात पर, अबे जल्दि बक क्या किया वो बिहारी?"
रिठे काणा- "भाई वो सिधा सिधा तो नक्को लगता कि पटारेला है, पन अपुन कि छठि इन्द्री बोलति है कि वो पटारेला है!"
गन्नुभाई- "अबे क्या घुमाफिराकर बोलरेला है, घोडेकि नाल कि माफिक सिधा बोल्! क्या किया वो तेरे बेन को पटानेको?"
रिठे काणा- "भाई वो,याद तो कुछ नक्को सिरफ बात करता है, पन मेरे कु और कम्पनीके और छोकरालोगको लगरेला है कि वो मवालि खन्नो बेन को पटारेला है!"
गन्नुभाई- "अबे भुकम्प पे उजडि हुवि इमारत,सिरफ लगनेसे तु गेम बजाने कि सोचरेला है?"
रिठे काणा-"बात ऐसि नक्को रे भाई, पन मेरेको लगरेला है कि वो खन्नो बेनको...!"
गन्नुभाई - "चुप्...चुप्..कमिने किचडके किडे , लगता है सठियागेला है, सिरफ लगनेके किसको भि खलास करने कि बात कररेला हे! अरे वो हर्के रंगिलाSSSS!"
हर्के रंगिला- "ज् जि भाई, आप याद किया अपुनको?"
गन्नुभाई - "हाँ, ये भुतनीके काणा सठियागेला है, तु अब्बि के अब्बि राहुल डक्टरका नम्बर घुमा और इसको मैन्टल वार्डमे चल्ता कर और मेरे कु हवा आने दे! साला दिमागका दहि करदिया काणे ने!"
रिठे काणा-

Last edited: 19-Jan-10 10:45 AM
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