Posted by: बैरे January 11, 2010
चौतारी १७१
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<<पर ऊ जमाने आइज को जैसन थिएन छोरा पावनेको लागि ऊ को शिब भि चाहिए थिएन, उ सुसरि त हाथके मयलवा माडिलियो और उ से फुदकके फुच्चे गनेशवा पैदा भयो,>>


 


लोल लोल लोल महा लोल

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