Posted by: Madness January 11, 2010
चौतारी १७१
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मदनवाके सवसथानी अधेय- दु


कुमारवा फिर से आज्ञ् करेछ अरे अगस्तवा मुनि अइब हमि तोहरको बतावँछ कि कैसन  गनेसवाके सर छ उ हाथिको भैहाल्यो और कैसन दक्छ् परजाप्ती जो छ उको सर बकराको भैलियो। त भग्वान शिब् जो थियो उ सुसरा निशान्त भैया जैसन गंजा चरस सुट्ठा मारथियो और नशेपे हुन्थ्यियो टवेन्टि फोर सैवन, उ त धुत्रो भि खान्थियो और बिष भंग भि खान्थियो। पार्वती जो थियो ऊ भि खुसिया सुन्द्री जैसन थियो पर शिब् के दिवानि थियो। ऊ सुसरि पार्वतीको मालुम थिएन कि शिब जो छ चोबिस घन्टेमे पचिस बार नशाके चिज खान्थियो त पारवतीको किस खानेको टेम कैसन पावँथियो। पर पार्वति जो छ ऊ मतबल किएन और शिबको पावनेको खातिर शिब हि को एक्टा बाँडि पारटके पूजा कियो खेँ खेँ खेँ... और लास्टमे शादि भि बनायो। पर बात हियाँ छ, ऊ शादि त बनायो सुसरा पर घइरमे बैठनेको उको दिल लाग्थिएन। पार्वति बेचारी अकेलि अकेलि घइरमा बस्ने ऊ भि कैलाशवाके ठन्डिपे। बेचारि सोच्यो कि जब शिब् ऊ को लागि टेम दिन्देन, पाएको टेमपे भि सुसरा गंजा चरस ताइनके बैठेछ त उ सोच्यो कि एक्टा छोरा पाइहालुँ। पर ऊ जमाने आइज को जैसन थिएन छोरा पावनेको लागि ऊ को शिब भि चाहिए थिएन, उ सुसरि त हाथके मयलवा माडिलियो और उ से फुदकके फुच्चे गनेशवा पैदा भयो, और सुसरा ठूलो भि भैहाल्यो। नवाँ नवाँ शादि भएछ,जवान छ, खुसबुरत छ, खसमिया जो छ घइर पे छेन,दइत् लोगन और बुरे लोगन बहुते थियो त डइरके मारे पार्वतिया जो छ ऊ गनेशवाको दरवान बनाइलियो। त शिब् जो छ ऊ सुसरा झ्याप भैके घइरको आयो त देख्छ कि एक्टा लरका ऊ को अन्दर जाने दिन्देन्। सुसरा बहुते नाराज भयो और गनेशवाको काटिदियो। बाइदमे ऊ को मालुम भयो कि ऊ त पार्वतिको छोरा छ। तइब जाके एक्टा हाथि माइरके ऊ को सर गनेशवाको लगाइदियो। सुसरा आइजके जमाना हुन्थियो त शिब् जो छ गनेशवाके डिऐनए चेक कर्थियो। त गनेशवा भि बहुते चमत्कारके थियो,हाथि के सर त थियो सुसराके उसके उपर जो भुँरि छ ऊ पुनटे बुह्रोके भुँरिसे भि ठूलो, और सुसरा सवारि करथियो चुहाके..हमि सोचेछ कि ऊ जमानेपे चुहा बहुते बडा होनेको पर्छ। त शिब् जो छ उ पार्वतीको ब्याहनेसे पहले बहुते लरकिके चक्करपे आएथियो। सुसराके टेस्टैसटरोनवा जो छ ऊ को ओवरफलो थियो शायद। एक्टा लरकि थियो सतिदेबि करके। उ सुसरीको भि झुठ बोइलके ब्याह किएथियो। वहि सतिदेबिको दक्छ प्रजाप्ती जो छ ऊ एक्टा शादिपे बुलाएथिएन। त सतिदैवि जो थियो बेचारी एक त सुसरा छल कइरके नशेडिके साथ ब्याह करिदियो उपर से मायकेपे शादि पे बुलाएन, ऊ आँइखसे गंगा जम्ना बहाइके रो रो के शादिपे गियो और आगपे छलाङ माइरके सुइसाइड कियो,बेचारिको डिप्रैसनके लास्ट अस्टेजवा रहेछ। तब शिव बहुते गुस्सा कियो और सालोँसे जो बाल नहाएथिएन ऊ को जमिनपे पटक पटककर हुवाँसे कालि पैदा कियो। उ कालि वहि शादिपे गियो और सइब के सइब को मारगिरायो और दक्छ् प्रजाप्तिको सर काटिदियो, उहि सरमे बकराके सर मिलायो। पर हमि सला यो बात बुझ्देन कि सुसरा छलकपटिया करके शादि बनायो शिब्,और जान देनेको पड्यो सतिदेविको सर गँवानेको पड्यो दक्छ् प्रजाप्तीको। बाइदमे सतिदेबिके डेड बाँडिको लेइके शिब् जो छ ऊ सब जगह गियो। डेड बाँडि जो छ ऊ सुसरा बिगडके झड झडके खतम भयो। फिर भि शिब पुरे संसारपे दौड लगायो हमि तब तक बुझेन कि सुसरा काहेको अकेले सब जगह दौडिरहेछ, बाइदपे जब हमि मालुम कियो कि ऋषिमुनिके जो लुगाईलोगन थियो ऊ शिब् के पिछे पिछे गियो, तइब जा के मालुम कियो कि शिब् काहेको दौड लगायो। यो बात भि हमि कर्देन, हमि फिर से टाँपिक चेन्ज कर्छ। हमि बुझेछेन कि सवसथानीपे एक्टा अस्टोरी खतम होते होते हमिलाई शरम लाग्ने बात काहेको आवँछ?


अरे इति असकन्द पुराने
माइघ महात्मै सवसथानि नम

Last edited: 11-Jan-10 02:29 PM
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