Posted by: Birkhe_Maila December 15, 2009
~चौतारी१६८~
Login in to Rate this Post:     0       ?        
सैरियल लंगडा- "गन्नुभाई! गन्नुभाई!"
गन्नुभाई- "अबे भुतनि के , काहेकु परकटे कबुतरके माफिक फडफडारेला है? कोहि घोडा मारा क्या तेरेकु?"
सैरियल लंगडा -"भाई लगता है अपुनका कम्पनिमे वार होनेको है!"
गन्नुभाई- "काहे कु रे? कौन नासपिटे वार करेंगा रे अपुनका कम्पनिमे?"
सैरियल लंगडा- "भाई वो अपुनका रिठे काणा है न भाई, उसका कोई खुसिया करने बेहेन है!"
गन्नुभाई- "तो? राखि बाँधु क्या?"
सैरियल लंगडा- "भाई वो, अपुनइचका छोकरालोग मे उस आइटमको लेकर मारामारि होएंगा, अपुनको ऐसा लगनेका!"
गन्नुभाई- "अबे आँल इन्डिया रेडियो काहे कु घुमाफिराकार बोलरेला है, आज तकके माफिक सिधा बोल!"
सैरियल लंगडा- " भाई वो रिठे काणाकि बेहेन बोले तो अनिल कपुरके डायलाँगके माफिक एक दम झक्कास! अपुनका निशे नाटा और अपुनिचका मदनवा बिहारी दोनो छोकरालोगका दिल लगता है उसपे आगेला है!"
गन्नुभाई- "अबे छिपकलिके दुम, आगेला है तो आनेको दे,तेरेको काहेकु चर्बि चढि?"
सैरियल लंगडा- "भाई वो,अपुन बोले तो सबका दोस्त है! पन बात जब छोकरिका होएंगा न तो अपुन किसिका नक्को!जब निशे नाटा और बिहारी लडेंगा न तो अपुनका रिठे काणा भि बेहेनके वास्ते उनसे लडेंगा!"
गन्नुभाई- "अबे जब सब मरखप जाएँगा तो अपुनके गैगमे कौन होएंगा!"
सैरियल लंगडा- "अपुन...अपुन हैन भाई, भाईका दाहिना हाथ! अपुन सम्हालेगा सबकुछ!जब खुसिया साथमे होएंगि तो कोइ वान्दा नक्को!"
गन्नुभाई- "ईसकि.....अब समझा अपुन...तु किचडके मरेहुवे किडे,तु सोचरेला है कि जब काणे, नाटे और बिहारि सब लडके मरेंगा तो तु वो आईटम खुसियाको होएंगा? हरामि मवाली, मेरेकु पेले से मालुम था कि और किसिका नहिँ तु नासपिटेका खराब दिल उसपे आएला है!तु सबको उडाके आइटमको बहला फुसलाके फिर भि अपुनका दाहिना हाथ बननेकि सोचरेला है! तु तो गिया हि गिया! बोल कैसे मरेंगा तु? कहाँ खाएंगा घोडा? कनपटि पे? नक्को नक्को...तेरे कु तो ऐसि जगह पे मारेंगा अपुन कि साला नरकपे जाके भि किसि आइटमकि उपर नजर नहिँ मारेंगा!"
सैरियल लंगडा- "भाई अपुनने आपका सोडा खाया है!"
गन्नुभाई-  "अब घोडा खा!"
Last edited: 15-Dec-09 10:05 AM
Read Full Discussion Thread for this article