Posted by: Birkhe_Maila November 25, 2009
~ चौतारी १६५ ~
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ठूल्दाई, सम्धीज्यू, पुरे तारेमाम्।


 


एक केटलीमे पानी उबालो


उसमे थोडा चायकि पत्ति डालो


उबलते हि गिलाँसमे ले लो


चिनि भरपुर डालके घोलो


यस है असली चाय चाय


कहते हैँ इसको 'खडि चम्मच भाय'


खडि चम्मच- चिनी इतना कि आपकि चम्मच खडि हो जाए


हाए हाए

Last edited: 25-Nov-09 08:51 AM
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