Posted by: Surjay March 31, 2009
~ * चौतारी १४३ *~
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मंगलवारे मिड डे जदौ चौतारीका आफ्नतहरुलाइ।।
पुरे,रिट्ठे,बिस्टेदाजु,राहुल्दाजु,केली अनी जिम्मालबा लाई नमस्ते,तारेमाम,हाइ न हेल्लो हर्केदाजु इस्टायलमा चस्मा लगाएर।।
जिम्माल बा क्या मारा भाई,झाकास गया भाई,अपुन का त लाइफ ही साला ए भिन्ढी बजार मे सब्जी बेच बेच कर दिमाग
का दही होगया भाई,कभी कभी यिधर आके अपुनका बोसके सर पे नारीवल फोडो भाई,तब टाइम मिलेगा इधर आने को,
सुपारी वेज्ना हो तो  बोलो भाई,अभी का अभी बेजुङा भाई पार्सल कर्के क्या।।
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