Posted by: ritthe December 19, 2008
~ * चौतारी-१३६ *~
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो -2
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो-2
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

आंखो मे नमी हंसी लबो पर
आंखो मे नमी हंसी लबो पर क्या हाल है...क्या दिखा रहे हो ,
क्या हाल है...क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

बन जायेगे जहेर पीते -पीते
बन जायेगे जहेर पीते पीते ,ये अश्क जो पीते जा रहे हो..
ये अश्क जो पीते जा रहे हो


जिन जख्मो को वक़्त भर चला है
जिन जख्मो को वक़्त भर चला है..तुम क्यूँ उन्हे छेडॆ जा रहे हो -2
तुम क्यूँ उन्हे छेडॆ जा रहे हो
क्या गम है जिंसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

रेखाओ का खेल है मुक़द्दर
रेखाओ का खेल है मुक़द्दर ...रेखाओ से मात खा रहे हो
रेखाओ से मात खा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो हो-2
तुम इतना जो मुस्करा रहे हो क्या गम है जिसको छुपा रहे हो हो
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