Posted by: Maaili_Budhi October 27, 2008
तिहारमय चौतारी ~१३२~
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बिरखे हइ न का तिमालइ कति बात मार्न आउच का के ओखति खान्चउ नाइ भन भन बा मलाइ नि
हर्के लउ बाबु तिमलाइ नि दिपावलि को सुबकामना छ हइ बा के आरनु कोमलवलि को सुबकामना भन्न मिललेन करे तेसै ले दिपावलि हइ बा
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