Posted by: Birkhe_Maila September 23, 2008
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सरजमिन-ए-चौतारी अस्लाम आलेकुम!
आज आपके सराय-ए-जन्नतमे आपके खिदमतमे आपके साथ लतिफ-ए-गुफ्तगुमे इस नाचिज ने बेइन्ताह लुफ्त उठाया। कल फिर तशरिफ रखेंगे।
खुदा हाफिज!