Posted by: chipledhunga September 23, 2008
~ * चौतारी-१२९*~
Login in to Rate this Post:     0       ?        

सम्पूर्ण ग्रामीण मानव:, अपरान्हस्य पुन: जदौ समर्पणम्।
साहू अत्याधिकम् पेलन्ती। तथापि, उचितम् समयम मिलनम् चौतारी खुसुक्क पश्यन्तम्। खरर्र पठनम् हाँसेर झन्डै सिलटिम्मुर हसुरम्।     
Read Full Discussion Thread for this article