Posted by: Rahuldai September 23, 2008
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पिंजडा बहिरस्य सम्पूर्ण मनुष्य यदि लहरेभाँति बिभत्स भवन्ति त उससे बेटर लाइफ पिंजडाभित्रस्यै भबन्ती।
लोल बिर्खे लोल
तस्मिन पान्डुलिपेन अत्याधिक हसायन्ती। लोल लोल लोल भयन्ती।