Posted by: बिस्टे August 1, 2008
~ चौतारी १२४ ~
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गूड् मर्निङ चौतारी
शुक्रबारे रमझमे जदौ ठुल्दाइ,सान्नानी रिट्ठे, लहरे। 
त्यो पलास्टि को कप को चिया चित्तै बुझेन ल अर्को खाउ स्टिल को गिलासाँ
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