Posted by: Birkhe_Maila July 29, 2008
~ चौतारी १२४ ~
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गन्नुभाई- " अबे काणा, ये हठेला इधर काहेकु मररेली बिल्लिके माफिक झुकेला है?"

रिठे काणा- "भाई वो बोले तो अपुनका हठेला टेन्सनवामे है?"

गन्नुभाई- " काहे कु टेन्सनवामे है रे हठेला तु?"

दीप हठेला-( सर उठाते हुवे) " भाई अपुनको बोलनेका दिल नक्को है रे!"

गन्नुभाई- (दीप हठेला और रिठे काणा दोनोको देखते हुवे) " अबे क्या हुवा रे? तेरि विवि भाग गइ क्या? तेरे

बच्चे यतिम हो गए क्या?"

रिठे काणा- "नक्को भाई, वो अपुनका हठेला जो है चुकुल बन्द करके उसका चाबि भुलगेला है!"

गन्नुभाई- " चाबि भुलगेला है? अबे फकिरके घरके आखिरि चावल, तो नवाँ बनानेका इसके टेन्शन काहे कु?"

रिठे काणा- " भाई वो नवाँ बनानेके वास्ते गएला था पन उधर रस्तेमे पतंगबाजीके चक्करमे फिर से भुलगेला है!"

गन्नुभाई- " अबे तरबुजसे निकलेला काला बिज, तब फिर से बनाकेका था न!"

रिठे काणा- " भाई फिर से बनानेको गएला था, पन इसबार भि वो कोइ शृङ्खला करके इपिसोडमे फँसगेला है

भाई!"

गन्नुभाई- "अबे बुझरेली आरतीपे बिखरेला फूल, ये बार बार फँस काहेकु  जाता है रे?"

रिठे काणा- " भाई वो कोइ जिम्माल करके बुढउने इसको सपना दिखाके क्लाइमेक्सपे परदा गिरादिया!"

गन्नुभाई- "तो?"

रिठे काणा- "तो भाई जबसे उधर पँधेरामे रोमांसके टेमपे टकराकर गिरनेके बाद सरपे चोट खाया तबसे सब

क्लाइमेक्सके टेमपे भुलभाल जारेला है!"

गन्नुभाई-
" अब इस बिन दाडिके देवदासको कैसे ठिक करेंगा?"

रिठे काणा- " भाई सिम्पल है, एक मस्ट आइटम तरुनि ढुँढके लानेका और फटाकसे इसके आगे खडा

करनेका!"


गन्नुभाई-" हम्म्म...ठिक है काणा जल्दी जा और दो तरुनि ढुंढके ला!"

रिठे काणा- (दाँत दिखाते हुवे) " दो....ठिक है भाई,भाई तु ग्रेट है, साथ साथ मेरे लिए भि तरुनि लानेको बोला!"

गन्नुभाई- "अबे टमाटरके आखिरि दाने, तेरा भाई गन्नु भाई मरगेला है क्या?"

रिठे काणा- (ट्वाँ पड्ता है)

 


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