Posted by: Maaili_Budhi July 28, 2008
~ चौतारी १२३ ~
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ऐ रिठे आउ का एता बस का पसुपति गर आकिम् का लइन कति लामो थियो करे तो सिपाइनि लाइ ककड खान १ रुपे दाम दिइ ते करे भित्र हुल्दि का

दिपिका नानि नमस्ते भाग्य मानि भएस का

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