Posted by: तिका: July 25, 2008
~ चौतारी १२३ ~
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खेँ खेँ खेँ खेँ, मुझे लगता था कि जब हमि व पालिटिक्स के बात मे बाहुन नेताओका सापोर्ट कर्ने वाले लोगोँका नीद हराम करेछ, तव चौतारीके आदमी मदमस्त हो कर कविता वबिता और कथा और चुट्किले मै मस्ति करेछ । लेकिन हमे तो इधर चौतारीके लोग भि पहेचानता है, यह जानकर खुशी हुइ ।

 

जे राम जि कि ।

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