Posted by: तिका: July 23, 2008
JHA takes oath in HINDI
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अरे गार्सिया भैया, मैने बाहुन नेताओँका मजाक किया है, क्यूँ कि आप जैसा अच्छा बाहुन आदमि नेता बन नहिपाते । भटकभटक कर विदेशमे ठोकरेँ खा रहे है ।  देखो ये सब बाहुन नेता मिलजुलके नेपाल को देश से प्रदेश बनाया, मदिसे लोग, वह भि गन्दा और भ्रष्टको चुन चुन के सरपे बिठाया । शपथ लेनेके टाइममे हिन्दि बोल्दिया, सरका टोपि गन्दा किया । देखो उस झा के सरपे पगरी भि नहि है टोपि भि नहि है । हम थरुइ लोग अच्छे टाइममे पगरी लगालेता है, पहारी लोग भि टोपि पहेनता है, लेकिन सरको खुल्ला मैदान नहि होने देता है । यह सब क्यूँ हुआ, वह खुल्ला किताव के सरह है ना, बाहुन नेताओँ ने ये सब किया है । है कि नहिँ ??

मैने बहुत सोचा, बाहुन लोगके भितर भि बहुत अच्छा आदमि लोग है, वह दुसरे जगह कैसा कैसा तरकीव किया है, लेकिन पालिटिक्समे क्यूँ ऐसा गन्दा बाहुन आ बैठता है ? तो मुझे मालुम पडा कि अच्छा आदमीको पिछे घिसोतना बाहुन जातका प्रमूख विशेषता है । उनका समाज हि ऐसा है कि जो झूठमूठ बोललेता है वह तरकीव करता है, जोड जोड से झूठ बोलने (जैसे कि बाहुन भाषाको नेपाली भाषा कहने) वाला अच्छा बाहुन माना जाता है । शक्तिके पिछे झूठमुठ बोलके, चालाखि और चाकडि करके पालिटिक्समै तरक्कि कर्ना बाहुन जातके भीतर सम्मानित पेशा माना जाता है ।  हाँ बात इहाँ छ ।  हमार थरुइ समाज मेँ कोइ आदमि इकबार बदमासि करेछ तो उनको समाजसे बहिष्कार करता है । वह सम्मान के जगह होता नहि । लेकिन बाहुन जात उससे फरक है । इहाँ इन्टर्नेटमे गन्दा पोलिटिक्सका विरोध करनेवाला बाहुन भि अपना बाहुन इष्ट नेताओँको बहुत इज्जत कर्ता है । मौका मिलते हि चाकडी बजाता है । इमान जमान को मारो गोली मौकेका फायदा उठाना है - वह ऐसा सोँचता है - इसि सोचको खिलखिलाके मदिसे ने उनका सरपे लाती मारदिया । है ना ?

 

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