Posted by: तिका: July 22, 2008
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राहुल भाइ, हमार देश भारतके प्रदेश होने लगा है, अब तो ऐसन कविता लिखने चाहिए --
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ये झरीमे परी लगति, कौन हो तु सुन्दरी
बूंद बूंद होकर गिरुं क्या?, स्पर्शका लालच रहि
भक्तोँका उपासना है ये प्रक्रितीका सुन्दर सिर्जना
प्यास लगती मरुभूमीके हाल हुआ मनका ये तिर्सना
ये झरीमे परी लगति, कौन हो तु सुन्दरी
बूंद बूंद होकर गिरुं क्या?, स्पर्शका लालच रहि
मोहनी ऐसन लगाया तुने देखते हि रहा हुं मै खाली
ये झरीमे परी लगति, कौन हो तु सुन्दरी
बूंद बूंद होकर गिरुं क्या?, स्पर्शका लालच रहि
झुकी लुक्छ काँडा भित्र लजाइ फूल को थुँगा पनि (बाफ रे, ये तो बहुत मुश्किल हुआ रे कोइ बाहुन होता तो आसानी से हिन्दी मे केहेदेता । हँ)
खेँ खेँ खेँ खेँ, जय राम जि कि ।