Posted by: Deep July 22, 2008
~ चौतारी १२३ ~
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जिम्माल: मत रो रे --नेस्ट्याम दिलवा दुंगा कोई--

 रिट्ठे: मेरेको कोई नही वही चाहिए --

गन्नु: क्या हुवा जिम्माल? रिट्ठे काहेको रो रहा है?

जिम्माल: कुछ नही ऐसी ही --

दीप: जिम्माल ने धोखा दिया बोस --

गन्नु: कैसा धोखा?

दीप: खुद ने तो सादी की बडे धुमधाम से--- पर उस्के बाद बहुत कन्जुस होगया -- एक कथा लिखा -- कथा मै शादीके जितने भी पोटेन्सियल सिन थे ना -- बहुत सारे पोन्टेन्सियल थे बोस --वह सब सिन कट  कर दिया जालिमने--

गन्नु: तेरा भी सिन था क्या दीप?

दीप: था ना -- मेरेको सुरुमै बोला जिम्माल कि एक पोटीली सी लडकी देगा -- तो मैने हाँ कर दी -- पर बादमै ना बोस किया क्या कि पधेराँमै मेरेको लुडका दिया -- सर फुट गया मेरा--बिना खुन के भी तो टाँका भिडा सक्ता था ना? लेकिन नही, फोड डाला मेरा माथा -- फिर सब्बुके साथ कुछ कुछ होता है के टेलर दिखाया और वही टेलर मै इतने बडे बडे अछेर मै लिखा दिया  "दि एण्ड"।

गन्नु: तो रिट्ठेको भो वही --

दीप: नहीँ रे बोस -- रिट्ठेको तो पिछे से खन्जर मारा जिम्माल ने --

गन्नु: खन्जर?

दीप: हाँ बोस खन्जर। सुहागरातका सिन दिखा कर बुलाया रिट्ठेको और भाईटिका लगवा दिया --

गन्नु: राम राम राम जिम्माल --क्या से क्या हो गया रे तु?

रिट्ठे:  --कुल से क्रुर हो गया माईबाप, यह जिम्माल --बिस्टेको भेलमै हेल दिया -- सान्नानीको गायब कर दिया -- पून्टेको भाले खत्तम -- नेपे जजमान के यहा पहुँचे ही नही -- उनका सुरुवाल लापता करदिया -- झिल्के और निशेको ड्रग्याडिक्ट बनादिया -- गालेको मुफतमै मनके अन्दर गुदगुदी लगा दीया - नेप्चेका फर्सी बेपार डुबो दिया --लिस्ट बहुत लम्बा है प्रभो है -- बादमै सुनाउँगा-- सब बबाल किया जिम्माल नै माईबाप -- सब बबाल -- एक कथा मै ईतना हंगामा किया -- शुक्र है भगबानका कि उपन्यास नही लिखा -- पर जो भि हो मुझे वह ना मिली तो मै धोबीखोलामै कुद कर जान दे दुंगा --

गन्नु: अच्छा आईडिया है हाँ -- गुड वान -- धोबीखोलामै इनदिनों पानी तो है नही -- उस्मे कुद के ज्यान तो देको देकै हो -- अगर कुदा उधर तो जान तो तु देगा नही लेकिन लेगा बहुत सारे -- चिटिऔके जान। सुना है उधर अचेल चिटिऔंने धोबीखोला म्याराथुन सुरु किया है -- दुर दुर से आते है कमिला लोग -- भौते कहा रहा था तिन सालों से लगातार केन्याका क्वामे  रनर ""यान्टे" बाजि मार रहा है उधर -- 

रिट्ठे: मुझे म्याराथुन स्याराथुन मै कोई दिलचस्पी नही है -- मुझे तो बस वह चाहिए- --

जिम्माल्: अब कैसे दुँ तेरेको वह, साले ? भाईटिका होनेको है --

रिट्ठे (रोता और चिल्लाता हुवा): तो क्या हुवा? वह लेटरका ईपिसोडको सपना सिन बना दे  -- बना देगा ना जिम्माल? -- बोल-- बनादेगा ना?

जिम्माल: बनातो देता रिट्ठे लेकिन बहन्तीके साथ अन्खेरुन मेरे जो सपने हैं उनका क्या होगा रे?

 

 

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