Posted by: serial July 15, 2008
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जब से हुआ है वोह ख्वब कि तरहा
जिन्दगी गुजर रही है अजब कि तरहा
खुश्बु के कलम से शायद लिखा था उस्ने खुद
हर लफ्ज महक रहा है गुलाब कि तरहा।।।।।
जिन्दगी गुजर रही है अजब कि तरहा
खुश्बु के कलम से शायद लिखा था उस्ने खुद
हर लफ्ज महक रहा है गुलाब कि तरहा।।।।।