Posted by: Birkhe_Maila July 15, 2008
~चौतारी - १२२ ~
Login in to Rate this Post:     0       ?        

गन्नुभाई- " क्योँ रे नासपिटे तु इतने दिन किधरको गुम होगेला था?"

रिठे काणा- "भाई वो अपुन बोले तो झुमरितलैयामे वसुलिके वास्ते गएला था!"

गन्नुभाई- " तो वसुलिका रोकडा किधर कु है?"

रिठे काणा- "भाई वो रोकडा तो हर्के रंगिला उडागया!"

गन्नुभाई- " अबे साँप कि बिलमे घुसा नेवला, फिरौती वो हर्के नासपिटे काहे कु खाया रे?"

रिठे काणा- " वहिच पुछा भाई अपुन भि, पन वो बोलरेला था कि दिप हठेलाको ढुँढनेके वास्ते खर्च हो गेला!"

गन्नुभाई- " ये दीप हठेला अपुनका छोकरा है क्या?"

रिठे काणा- "नक्को, छोकरा तो बिर्खे सठियाका है भाई, पन कामवाला है उसके उपर खरचा करके बिर्खे सठियाका इनफारमैसन निकालनेका है!"

गन्नुभाई- "अबे फटे दुधके चाय, फिरौतीका रोकडा खरच करके कौनसा इन्फारमैसन लेगा रे तु बिर्खे सठियाका?

रिठे काणा- " हे हे हे भाई, गुस्सा काहेकु होरेला है आप? वो उसकि गैंगका इन्फारमैसनका बात कररेला था अपुन्।हर्के रंगिला उसकि गैंगका उसको बहुत नजदिगका एक इन्फारमैसन लाएला है!

गन्नुभाई - "अबे बक भि उतना रोकडा खरच करके कौनसा नजदिगका इनफारमैसन लाया रे वो छुछन्दर रंगिला? उसका बारुदका गोदाम मालुम किया क्या? उसका छोकरालोगका खोलि मालुम किया क्या? क्या मालुम किया?

रिठे काणा(बत्तिसि दिखाते हुवे)- " भाई उससेभि ज्यादा नजदिगका इन्फारमैसन लाएला है! उसका जांघिका नम्बर मालुम किएला है अपुनका रंगिला। भाई सोच, आज जांघिका नम्बर, कल गोदाम का नंबर!"

गन्नुभाई (गुस्सेमे)- "अबे हो सैरियल लंगडा! किधर है तु? ए काणा सठिया गया है इसकु नानावटि हस्पतालके मैन्टल सेक्सानमे दाखिल करा और मेरा घोडा निकाल, हर्के रंगिलाको शमसान भेजनेका है अपुनको!!

 

 

Read Full Discussion Thread for this article