Posted by: ritthe July 10, 2008
~चौतारी १२१~
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मलाई मन पर्नी भूत को गीत चाँही 'कही दीप जले कही दिल' भन्नि
बरु त्यो राखन दीपीका

 

ना मै सपना हुँ ना कोइ राज हुँ
एक दर्द भरी आवाज हुँ
पिया देर ना कर आ मिल
कही दीप जले कही दिल
ओ ओ ओ ओ


वाह क्या छ 

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