Posted by: Rahuldai June 27, 2008
~चौतारी १२०~
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तुम को देखा तो ए खयाल आया
जिन्दगी धूप तुम घना साया

आज फिर दिल ने एक तमन्ना कि
आज फिर दिल ने हम ने सम्झाया

जिन्दगी धूप तुम घना साया


तुम चले जाओ गे तो सोचें गे
हम ने क्या खोया हम ने क्या पाया।

जिन्दगी धूप तुम घना साया

हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक्त ने एसा गीत क्यूं गाया

 जिन्दगी धूप तुम घना साया

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