गन्नुभाई- " ये कौन छिपकलीके दुम है जो अपुनको नक्को पेचानता?"
रिठे काणा- " भाई ये इस शहरमे नयाँ है भाई, अब्बि अब्बि आयेला है!"
गन्नुभाई- " तो? तु हरामि इसको नक्को बोल्या क्या अपुन कौन है?"
रिठे काणा- " बोलेंगा न भाई, अब्बि बोलेंगा! अबे वो लाल सर्ट इधरको आ, भाई बुलारेला है!"
चिप्ले खुजली- " मै?"
रिठे काणा- "हाँ हाँ तु! इधरको आ!"
गन्नुभाई- " और वो उधर, उस तरफपे खडि लाल साडि वालि छोकरी भि अपुनको देखके पान चबा चबाके बत्तिसि दिखाके हँसरेली है उसको भि बुला!"
रिठे काणा- " कौन वो जो भागरेली है?"
गन्नुभाई- " हाँ वहिच!"
रिठे काणा- " अरे वो लाल साडिवाली आन्टी, इधरको आ भाई बुलारेला है!"
मन्नो- (पानका पिक थुकते हुवे) " अरे किडे पडे तेरे मुह पे, तेरेको मरनेके वक्त पानी नसिब ना हो कलमुंहे! आन्टी किसको बुलाता है?"
(चिप्ले खुजली और मन्नो आते हैँ)
चिप्ले खुजली- " कौन भाई कैसा भाई? ऐसे बोलते हैँ क्या दुसरे से?"
गन्नुभाई- (घोडा निकालके खुजलीके कनपटीपे सटाते हुवे) " क्या बोला तु बिन बन्दरके मदारी? बोल क्या बोला तु अब्बि? तु अपुनको सिखारेला है? गन्नुभाईको सिखारेला है?"
चिप्ले खुजली- " नहिँ मै आपको नहिँ सिखारहा था, मै तो बस् यहाँ नहिँ था कुछ सालसे तो सोचरहा था कि मेरा कौन भाइ है, अब मालुम हो गया कि आप वो वाले भाई हो!"
गन्नुभाई- (कनपटिपे घोडा और भि जोरसे सटाते हुवे) " इधर रहनेका है तो अपुनकि तरह बोलनेका क्या? अब तु सिखेगा और गन्नुभाई सिखाएंगा!"
चिप्ले खुजली- "ब.. बिल्कुल!"
गन्नुभाई- " चल बाजु हट् और उधरको बैठ तेरे से अपुन अब्बि निबटेगा, पेले इस मैडम से बात करेंगा! क्या है रे मन्नो तु काहे कु हँसरेली थि अब्बि मेरे कु देख के?"
मन्नो- " हाय रे हाय अब हँसनेपर भि साला मेरे कु रोकडा देना पडेंगा क्या रे मवाली? "
गन्नुभाई- " ज्यास्ति सानपत्ति नक्को करनेका मेरे से! तु मछ्छि बेँचती है न इधर? तेरे बच्चे पढते है न उधर जानकिदेवि स्कुलमे?"
मन्नो- " तो क्या करेंगा रे हरामि तु मेरे कु? क्या करेंगा तु? मारेंगा मेरे कु? मारेगा? (गन्नुभाईका पिस्तोल अपनि माथेपे लगाते हुवे) " लो दबा रे घोडा, उडा डाल मेरे कु! साले मवाली, अकेलि औरत देखके अपनि धौँस जमाता है रे? हाय लगेगि तेरे कु गरिब कि! खलास होनेके टेमपे चार कन्धे नसिब ना हो, तेरे बच्चे यतिम हो कलमुंहे! (छाति पिटने लगति है)"
गन्नुभाई- " अबे काणा ले के जा इस बिगडेलि टैपरिकाँडको इधर से! मेरा भेजा सटकगया तो इसके बच्चे सचमुच यतिम होंगे!"
रिठे काणा- " अब्बि लो भाई! चल रे लाल साडि, तेरा मछ्छि खरिदेंगा अपुन, .......चल् चल्! रोनेका नक्को अब्बि तो भाई सिर्फ बोला है , वो किया कुछ तेरे कु? नक्को किया न? चल बाजु हट्!
गन्नुभाई- " अब इस खुजलीको इधर ला! इससे निबटेंगा अपुन!"
रिठे काणा- " अबे वो हाथिके गोबर! काहे कु लकवा लगे बुड्ढेकि माफिक काँपरेला है! इधर आ भाई और भि जोर से कंपाएंगा तेरे कु! साला जवानिका खुन इधर भाईके सामने नक्को उबालनेका! इधर् आ जल्दि से नहिँ तो काट डालेंगा अपुन!"
चिप्ले खुजली- " ज ज जी अभी आया!"
(खुजली काँपता हुवा आता है)
बाँकि ब्रेक के बाद...