Posted by: nepal_rocker June 16, 2008
support gorkhaland movement in india
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गोरखा मोर्चे का बेमियादी दार्जिलिंग बंद
 
दार्जिलिंग बंद (फ़ाइल फ़ोटो)
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा अलग राज्य की माँग कर रहा है
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने सोमवार शाम से पश्चिम बंगाल के पर्वतीय पर्यटनस्थल दार्जिलिंग और आसपास के इलाक़ों में अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है

मोर्चे के अध्यक्ष बिमल गुरंग ने रविवार को इसका ऐलान किया. इसके पहले मोर्चे ने गुरुवार से सोमवार तक बंद में छूट दी थी.

ग़ौरतलब है कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पंश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाक़े को गोरखालैंड के नाम से अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन चला रहा है.

जीजेएम के आंदोलन ने पिछले दिनों उग्र रूप धारण कर लिया था और सिलीगुड़ी और आसपास के इलाक़ों में हिंसा फैल गई थी.

 गोरखा जनमुक्ति मोर्चे ने दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के विभिन्न हिस्सों में भूख हड़ताल का भी आयोजन किया है
 
रोशन गिरि, गोरखा जनमुक्ति मोर्चे के नेता

उल्लेखनीय है कि इन दिनों दार्जिलिंग में बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही रहती है और वे हड़ताल के कारण वहाँ फंस गए थे.

पत्रकारों से बातचीत में मोर्चे की केंद्रीय समिति के महासचिव रोशन गिरि ने कहा कि उनके मोर्चे ने दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के विभिन्न हिस्सों में भूख हड़ताल का भी आयोजन किया है.

साथ ही इन इलाक़ों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन भी किया जाएगा.

वार्ता ठुकराई

इसके पहले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का वार्ता का प्रस्ताव ठुकरा दिया था.

 अलग गोरखालैंड राज्य बनाए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. लेकिन केंद्र सरकार बिना शर्ता वार्ता को तैयार है
 
प्रणव मुखर्जी, विदेश मंत्री

इससे ठीक एक दिन पहले 17 जून को इसी मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होनी है. लेकिन उसमें गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को आमंत्रित नहीं किया है.

पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पंजीकृत राजनीतिक दल नहीं है इसलिए उसे सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है.

हालांकि मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता बिमल गुरुंग को 18 जून को बातचीत का न्यौता दिया था.

इसे ठुकराते हुए बिमल गुरुंग ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखा है जिसमें इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक त्रिपक्षीय वार्ता का अनुरोध किया है.

इस पत्र में गोरखा नेता ने लिखा है कि त्रिपक्षीय बैठक में केंद्र सरकार, जीजेएम और पश्चिम बंगाल सरकार शामिल हों.

हालांकि केंद्र सरकार ने बातचीत की बात को स्वीकार किया है लेकिन अलग गोरखालैंड बनाने की माँग खारिज कर दी है.

शनिवार को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा था, " अलग गोरखालैंड राज्य बनाए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है."

साथ ही उनका कहना था कि केंद्र सरकार बिना किसी शर्त के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के साथ बातचीत के लिए तैयार है.

 
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