Posted by: miss_ me June 11, 2008
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रोमान्टिक गजल!!
प्रेरणा,
लौ किन रिसाको जस्तो गरेकी नि ?क्रेजी सिस मुस्कान त हजुरको पनि ---रहेछ नि --
अलिखित आकृती मन्को जो शायद हैन मेरो
तरंगहरु उठ्छ जस्को, जो शायद हैन मेरो
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झुकेका आँखाहरु आमन्त्रण दिदै ईषाराले
मुस्काउने अधर उस्को, जो शायद हैन मेरो
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हिहिहि लौ जाssss मैले नि लेखे तर मेरो(गजल) थालनी शिरिशजी र नेपेदालाई चित्तबुझ्दो चै हुदैन होला