Posted by: ritthe June 10, 2008
~चौतारी ११८~
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गन्नु भाय: लंगडे देख अप्पुन इस भाय गिरी मै बहुत झूट वूट बोला है दुनियाँ को, कभी कवार अप्पुन सोचता है कि मरनेके बाद साला कही उपरवाला भि अप्पुनको बोलेतो नो एन्ट्री सिग्नल ना दिखाये ! और अप्पुन साला न इधर का न उधर का होएङा फिर !

सेरिअल लंगडा:
त्यो क्या कर्नेका भाय? फिर अप्पुन लोगका धन्दा भि वोइसेच है ना, बिना झूट के तो कोइ काम ही नही होएगा !

गन्नु भाय:
तु ठीक बोला लगंडा, पर अप्पुन आज से झूट नही बोलेगा !

सेरिअल लंगडा:
भाय भाय, वो हेमा मालिनी कि बाप आएला है, तेरेको ढुंढ रेहेला है भाय !

गन्नु भाय:
लंगडा उसको बोलो अप्पुन गाँव गया है !

सेरिअल लंगडा:
भाय अभी तो तु बोला कभी झूट नही बोलेगा

गन्नु भाय:
अप्पुन झूट नही बोलेगा, पर तु तो बोल सकता है ना?

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