Posted by: serial June 3, 2008
चौतारी - ११७- भौते, चित्रे र ठुलीको खोजीमा
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>>हिम्मतकि तो बात ही मत कर -- इससे पहले कि हम कुछ कहते मेरे पेटकि और देख कर बोली --"गिराना है कि रखना है?" <<

लोल जिम्बाल लोल

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