Posted by: ritthe June 3, 2008
चौतारी - ११७- भौते, चित्रे र ठुलीको खोजीमा
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अरे तारेमाम राहुलभाइ,
एक बात् अप्पन के भेजे पे नही घुसा
वो कल का छोकरा सेरिअल लंगडा और आप जिसका म:म बनाया हुवा एक्स्पेरिऐन्स हि काउन्ट करेङे तो साला ३६ पहुचेगा !
चिलिम विलिम इधर उधर करके तान तुन के और भि साला २०-२५ बरस् तो हो हि जाएगा, पर वो लंगडे कैसे आपका बिरादर हुवा? ये बात् थोडा नही घुस्रेएला है अप्पुन के भेजे पे
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