Posted by: Rahuldai May 30, 2008
चौतारी - ११७- भौते, चित्रे र ठुलीको खोजीमा
Login in to Rate this Post:     0       ?        

तुम को देखा तो ए खयाल आया
जिन्दगी धूप तुम घना साया।


आज फिर दिल ने एक तमन्ना किइ
आज फिर दिल  को हम ने सम्झाया।

जिन्दगी धूप तुम घना साया।

 

तुम चले जाओगे तो सोचेंगे
हम ने क्या खोया क्या पाया। 

जिन्दगी धूप तुम घना साया।

 

हम जिसे गुनगुना नही सकते
वक्त ने ईशा गीत क्यूं गाया।

तुम को देखा तो ए खयाल आया
जिन्दगी धूप तुम घना साया।

 


 
 

Read Full Discussion Thread for this article