Posted by: ritthe May 20, 2008
~ चौतारी ११६ ~
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>>>अबे फटे हुवे धोतिसे निकला हुवा लंगोट,<<<

>>>अबे खालि कोल्डड्रिंक्सके मुडे हुवे स्ट्राँ, <<<

>>>अपुन साला जब पैदा हुवा तो अपुनका बाप शंकरिया अपुनका सर काटके धडसे अलक करके फेँक दिया, नशे मे टुन्न था अपुनका बाप! जिस दिन पैदा हुवा उसिच दिन अपुनका क्रिया करम होनेको था! पन वो अपुनकि माई अपुनके बापके साथ रोया गिडगिडाया , तब जाकर बाप कहिँसे हाथिका सर लाकर अपुनको दिया! उस दिनसे अपुन कसम खाएला है कि अपुन जनम दिनपर बड्डे नहिँ मनाएंगा!<<<



 

 
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