Posted by: Birkhe_Maila May 20, 2008
~ चौतारी ११६ ~
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गन्नुभाई- " अबे ए क्या हो रेला है?"

रिठे काणा- " भाई वो  अपुनका राहुलभाई हैन भाई बोले तो उसका बड्डे मनारेला है भाई, अख्खि चौतारीले छोकरा छोकरि लोग बोले तो खुस दिखरेला है भाई"

गन्नुभाई- " अबे तु अपुनका बड्डे तो कब्बि नहिँ मनाया रे?"

रिठे काणा- "वो भाई, बड्डे मनानेके वास्ते भाईका बड्डे तो मालुम होनेको मांगता न भाई!"

गन्नुभाई- " अबे छिपकलीके दुम, अपुन अपुनका बड्डे किसि भि रोज मना सकता है!"

रिठे काणा- " पन भाई, जो दिन भाईका जनम हुवा उसिच दिनको मनानेको मांगता न भाई!"

गन्नुभाई- " अबे फटे हुवे धोतिसे निकला हुवा लंगोट, तु अपुनकि दुखति नसपे हाथ रखा रे?? तेरेकु जिनेको नहिँ मांगता क्या?"

रिठे काणा- " भाई अपुन उल्टा सिधा कुछ बोला क्या भाई?"

गन्नुभाई- " अबे फटिचर, अपुन गन्नुभाई, वैसेइच गन्नुभाई नहिँ बना रे! अपुन साला जब पैदा हुवा तो अपुनका बाप शंकरिया अपुनका सर काटके धडसे अलक करके फेँक दिया, नशे मे टुन्न था अपुनका बाप! जिस दिन पैदा हुवा उसिच दिन अपुनका क्रिया करम होनेको था! पन वो अपुनकि माई अपुनके बापके साथ रोया गिडगिडाया , तब जाकर बाप कहिँसे हाथिका सर लाकर अपुनको दिया! उस दिनसे अपुन कसम खाएला है कि अपुन जनम दिनपर बड्डे नहिँ मनाएंगा!

रिठे काणा- " भाई अपुन समझता है न भाई! पन भाई वो जब सर लगाना हि था तो कोइ सलमान खान, जोन अब्राहमका सर काटके लगानेको था न भाई, हजारोँ छोकरि लोग आरामसे सोते न भाई!"

गन्नुभाई- " अबे खालि कोल्डड्रिंक्सके मुडे हुवे स्ट्राँ, तु बोले तो लाइफमे पहलि बार अकलका बात किया रे, साला अपुनका बाप अपुनका भाई कुमार को बहुत प्यार करता है रे, कुमार साला बोले तो आदमि जैसन दिखता है। अपुन सोचरेला है अपुन ये सर काटकर कोइ खुबसुरत छोकरे कि सर लगाएंगा! अपुन अब्बि अब्बि मालुम किया कि चौतारिसे कोहि भउते करके छोकरा गायब होगेला है, तु अब्बि के अब्बि जा और सालेको दबोचकर उसका सर काटके ला! सुनरेला हुँ वो छोकरेके पिछ्छु छोकरिलोग बहुत जाता है!

रिठे काणा- " अब्बि लो भाई, अपुन जाता है न, अब्बि के अब्बि जाएंगा और उसका सर काटके लाएंगा!"

गन्नुभाई- " तो मुह काहेकु देखरेला है? चल फुट भि!"

 

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