Posted by: Harka_Bahadur May 9, 2008
~ चौतारी- ११४ ~
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ओ मेम साब हम्रा सँग नाचा हो नाचा
एक कन्या कुमारी हम्रा सुरत पे मर गयी हाये हाये
एक मिठी कटारि हम्रा दिल पे उतर गयी हाये हाये
कैसे गोरी गोरी ओ तिखी तिखी छोरी वहाँ वहाँ
कर्के  जोरा जोरी कर्गयी हम्रा दिल्की चोरि, मिली छोरी तो हुवा निहाल
छोरा गंगा किनारे वाला ओ छोरा गंगा किनरे वाला
ओ खैके पान बनारश वाला खुल जाये बन्द अकलका ताला
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