Posted by: ritthe May 7, 2008
चौतारी- ११३ -- भुल्न सक्या भये मरीजाम :-(
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ओये हर्के रङीला होये होये !
तुस्सी जोर से भुक लगदी तो तो तो
तो मकै दि रोटी खाले ओये होये

ओये नार्टन सिङ तुस्सी क्यो हस्सी छुट रिया जी?
ओये होये पिया पाजी? तुस्सी भि पन्जाबन छोकरी कि तरह गाल करदी? कि बात जी ?
होये होये !
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