Posted by: ritthe May 7, 2008
चौतारी- ११३ -- भुल्न सक्या भये मरीजाम :-(
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Posted on 05-07-08 10:20 AM     Reply | Notify Admin
 

का! छन्तँ झ्या: म्ह:फुल जिन्तँ लहरे भ्यो: काइजुनयल चाये न्हिँ पुन्ह्य: नखतुस्य गोज्य ल्ह्याम्ह पुच: लसतय भाजु मैजु ध्यजुलका ल्हान ख्वय मते: दीपीका च्व न्ह्यापुँ ल! मखला रहले बौचा???



 

रहले बौचा???
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