Posted by: ritthe May 6, 2008
चौतारी- ११३ -- भुल्न सक्या भये मरीजाम :-(
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"हैं सफर हमारा नयाँ नयाँ

किसि पल अन्धेरा जो  हो  गया

कही खो नजाये  ये रहेगुजर

मेरे पास आ मेरे पास आ

हमे साथ चल्ना है ऊम्र भर
मेरे पास आ मेरे पास आ

मेरे हम सफर मेरे हम सफर

मेरे पास आ मेरे पास आ"

Awesome !

 

Thanks n' Good Nite

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