Posted by: dipika02 April 30, 2008
~चौतारी - ११२~
Login in to Rate this Post:     0       ?        

गन्नु:तु फिर से आगया
रिट्ठे:हां माइ बाप
गन्नु:अब क्या चाहिये जल्दिसे बोल् फिर् कल्टि मार
रिट्ठे:माइ बाप  ट्रेन के सफर् कर्ते कर्ते मे थक गया हुं। मुझे एक मर्सिटिज् चाहिए माइ बाप
गन्नु:हम्से मर्किटिज माङ्ता हे।अप्पुन् खुद् तो एह् चुंहे पे सफर् कर्ते कर्ते थक् गएं हें। उत्ना ओकात होता तो खुद् के लिए खरिद्ता ना मर्किटिज, बात् कर्ता हे
रिट्ठे:नहि माइ बाप् एसा मत् बोलो मर्किटिज नहि तो किया से भि काम् चलेगा
गन्नु:अरे मुरख उत्ना भि ओकात् नहि हे अपुन्का, बोलाना। अब आ हि गया हे तो किया के बद्ले ये चुहा से काम् चलाले

(रिट्ठे हसिमजाक को लागि तिम्रो नाम लिएको हो है। नरिसाउ है साथि। अरु भैद्या भए लिन्नथे।
)

Last edited: 30-Apr-08 10:02 AM
Read Full Discussion Thread for this article