Posted by: ritthe April 15, 2008
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तुझे बिन जाने बिन पेह्चाने मैने हृदय से लगाया
पर मेरे प्यारके बदले मे तुने मुझको ये दिन दिखलाया
जैसे बिरहके रुत मैने काटे तडपके आहे भर भर के
जले मन तेरा भि किसिके मिलनको अनामिका तु भि तड्पे