Posted by: ritthe April 15, 2008
--- चौतारी - २०६५ नयाँ वर्ष विशेष ---
Login in to Rate this Post:     0       ?        

तुझे बिन जाने बिन पेह्चाने मैने हृदय से लगाया
पर मेरे प्यारके बदले मे तुने मुझको ये दिन दिखलाया
जैसे बिरहके रुत मैने काटे तडपके आहे भर भर के
जले मन तेरा भि किसिके मिलनको अनामिका तु भि तड्पे

 

Read Full Discussion Thread for this article