Posted by: ritthe April 2, 2008
--- चौतारी - १०९ ---
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ओहो नारन मार्साब - धेरै पछी पाल्नु भये छ - ल सुकुल तानेर बसम है
नारन मार्साब को कथा त घच्ची को थ्यो, हैन काल्पनिक नै हो क्यारे कथा कि? लौ है रउसी को रउसी पानी को पानी पार्नु पर्‍यो


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