Posted by: Madness March 27, 2008
--- चौतारी - १०८ ---
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सैरियल दाजु जो गना लिखेछ उ हमि कान्फूजमे पडेछ।

हमि जब गना सुनेथिएँ त उ भन्थ्यो कि बैँस जवानिले जो छ सला धप्के बलेछ। पर सैरिल दाजू लिखैछ कि बैँस जवानिले जो छ चट्के पडेछ।

पर ठिके छ हमि बुझेछु कि सैरियल दाजुके मालिकवा जो छ सला कामके उपर काम दिएछ और सैरियल दाजुके खटिया खडि भएछ।

जे राम जि कि।

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