Posted by: Poonte January 26, 2008
-- चौतारी - ९६ --
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खाते खाते रहि गई हमारी भावी

पेंतिस साल मे भि ऐसा नहिं खाया था, राहुल भैया के दावी

खाना मे मस्त, भुल गई कमरे कि चावी?

 

(बाह! बाह!! पुन्टे, बाह!)

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