Posted by: Rahuldai January 25, 2008
~~ चौतारी - ९५ ~~
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बहुत् उदास् है कोइ तेरे जाने से,
हो सके तो लौट् के आ किसि बहाने से,
तु लाख् खफा सहि मगर् एक् बार् तो देख्,
कोइ टूट् सा गया है तेरे रुठ् जाने से।
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